जमीन पर कब्जा और अवैध खनन से त्रस्त राजस्थान, विभाग की रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली बातें
Forest Department Encroachment Report: राज्य के अधिकतर जिलों में वनभूमि पर कब्जा है, लेकिन वन विभाग के अफसर वन माफिया के कब्जे से जंगलात की जमीन मुक्त नहीं करवा पा रहे हैं। जिन जिलों में वन भूमि ज्यादा है, वहां अतिक्रमण की संख्या भी अधिक है।
वन विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बारां जिले में सबसे ज्यादा 7143 अतिक्रमण हैं। प्रदेश भर में भू-माफिया सभी वन क्षेत्रों में कब्जे करने के साथ अवैध खनन तक कर रहे हैं। यदा-कदा वन विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होती है, लेकिन प्रभावी व नियमित कार्रवाई के अभाव में वन माफिया पर लगाम नहीं लग पा रही है।
वन्यजीव संरक्षित भूमि पर भी दखल
सवाईमाधोपुर में कुल 114 अतिक्रमण में से 108 अतिक्रमण रणथम्भौर रेंज में हैं। जयपुर, अलवर और बूंदी रेंज के वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में भी अवैध कब्जे हैं। अजमेर व जोधपुर के मंडोर में वन विभाग की पहाड़ियों पर निर्माण तक हो चुके हैं। जोधपुर जिले में 128 अतिक्रमण मंडोर क्षेत्र में ही बताए गए हैं। कुछ जगहों पर पानी-बिजली के कनेक्शन भी लग गए।
प्रमुख जिले एवं वन क्षेत्रों में अतिक्रमणों की संख्या
बारां - 7143
झालावाड़ - 1292
हनुमानगढ़ - 162
भरतपुर - 138
जोधपुर - 128
सवाईमाधोपुर - 114
अलवर - 113
बाड़मेर - 93
जयपुर - 73
चूरू - 69
सिरोही - 59
राजसमंद - 47
उदयपुर - 40
टोंक - 30
अजमेर - 19
सीकर - 16
भीलवाड़ा - 11