भाजपा विधायक सुशील इंदु तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर ठोका मानहानि का केस

भाजपा विधायक सुशील इंदु तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर ठोका मानहानि का केस
जसवंत सिंह राजपूत
(प्रदेश की न्यूज़)
जबलपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक नए कानूनी विवाद में फंस गए हैं। जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुशील तिवारी ने उनके खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया है। यह मामला मई 2023 में दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसमें दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक इंदु तिवारी पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अनाज की कालाबाजारी का आरोप लगाया था।
परिवाद के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि विधायक इंदु तिवारी राशन का 50-60 प्रतिशत हिस्सा बाजार में बेचते हैं। यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित हुआ, जिससे इंदु तिवारी की प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंची। तिवारी ने इसे एक झूठा और चुनावी लाभ के लिए दिया गया बयान बताया है।
मानहानि का मामला दर्ज होने के बाद, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) डी.पी. सूत्रकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS 2023) की धारा 223 का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई 2025 तय की है।
विधायक इंदु तिवारी की ओर से अधिवक्ता रोहित रघुवंशी ने अदालत में कहा कि दिग्विजय सिंह का यह कृत्य न केवल मानहानि बल्कि आपराधिक भयादोहन की श्रेणी में आता है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि दिग्विजय सिंह को आरोपी के रूप में बुलाकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए।
तिवारी ने यह भी बताया कि उन्होंने 16 मई 2023 को दिग्विजय सिंह को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और वीडियो हटाने की मांग की गई थी, लेकिन दिग्विजय सिंह की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
अब इस मामले में 21 जुलाई को अगली सुनवाई में यह तय होगा कि अदालत दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही आगे बढ़ाएगी या नहीं। इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। जानकारों का मानना है कि यह प्रकरण भाजपा और कांग्रेस के बीच आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।